राजस्थान पर्यटन का नवाचार: अल्बर्ट हॉल पर ब्रज की होली और लोक कला का रंगीन आगाज!

राजथान पर्यटन विभाग का नवाचारः कल्चरल डायरीज का शानदार आगाज
ब्रज की फूलों की होली ने बांधा समां
-अल्बर्ट हॉल पर ब्रज के लोक कलाकार दी मनमोहक प्रस्तुतियां
-बाड़मेर-जैसलमेर के लंगा-मांगणियार कलाकारों का गायन-वादन आज

जयपुर, 15 नवंबर। 
गुलाबी नगरी की गुलाबी सर्दी आहट से भरी शुक्रवार की शाम श्रीकृष्ण भक्ति और उनकी रासलीला के रंग में डूब गई। रंग-बिरंगी रोशनी में नहाए ऐतिहासिक अल्बर्ट हाॅल के सामने ब्रज की कला एवं संस्कृति साकार हो उठी। फूलों की लट्ठमार होली, मयूर व कच्छी घोड़ी नृत्य और भवाई में ब्रज के कलाकारों ने ऐसा समां बांधा कि देशी- विदेशी पावणों के साथ- साथ जयपुरवासी भी श्रीकृष्ण भक्ति के रसास्वादन में डूब गए। फूलों की होली के दौरान तो दर्शक रासलीला में ऐसे डूबे कि कलाकारों के साथ-साथ झूमने को मजबूर हो गए।
मौका था राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से शुरू की गई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की नई श्रृंखला कल्चरल डायरीज के आगाज का। जयपुर के रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हॉल के समक्ष हुए इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के पहले दिन ब्रज के लोक कलाकारों की ओर से मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण के भजनों के बीच विभिन्न कार्यक्रम पेश किए। कलाकारों द्वारा बरसाना की मशहूर फूलों की होली खेली गई। जब श्रीकृष्ण के वेश में मोहित और राधा के रूप में खुश्बू तथा उनकी सखियों ने फूलों की होली खेलना शुरू किया तो कार्यक्रम अपने चरम पर पहुंच गया। भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में भाव विभोर हुए दर्शक भी कलाकारों के साथ कदमताल करने लग गए। वहीं, मयूर नृत्य के दौरान दर्शक श्रीकृष्ण व राधारानी की रासलीला के रस में डूब गए। वे ब्रज के माधुर्य व भक्तिभाव में डूब गए। दोनों कार्यक्रमों में मोना, लक्ष्मी, विजय, नरेश स्वामी, भूरा भाई समेत आठ ब्रज कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दी।
प्रसिद्ध लोक कलाकार ममता सपेरा और उनकी टीम ने ग्रामीण भवाई के दौरान मोरचंग-खड़ताल की ऐसी जुगलबंदी की कि दर्शकों मे भी चंगाई आ गई। जीतू सपेरा, रमेष भाट, अर्जुन भाट, पवन व पूर्ण ने भावपूर्ण प्रस्तुति देकर खूब वाह-वाही लूटी। इस मौके पर बनवारीलाल जाट व उनकी टीम ने अलगोजा पर लोकगीत तेजा गायन के साथ- साथ कच्छी घोड़ी नृत्य कर जोरदार मनोरंजन किया। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ राजकीय महाराज आचार्य संस्कृत महाविद्यालय के पांच छात्रों के सामूहिक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ। 
कल्चरल डायरीज के पहले कार्यक्रम में निदेशक पुरातत्व श्री पंकज धीरेन्द्र, पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक डाॅ पुनीता सिंह समेत कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।       
गौरतलब है कि राजस्थान की लोक कला एवं संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाने और लोक कलाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के लिए उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर पर्यटन विभाग ने कल्चरल डायरीज के नाम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक नई श्रृंखला शुरू की है। इसका आगाज शुक्रवार को अल्बर्ट हॉल से हुआ।

लंगा-मांगणियार कलाकारों का गायन-वादन आज 
कल्चरल डायरीज श्रृंखला के पहले दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में दूसरे दिन 16 नवंबर शनिवार को शाम 6.30 बजे अल्बर्ट हाॅल पर बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के प्रसिद्ध लंगा-मांगणियार कलाकारों की गायन-वादन की प्रस्तुतियां होंगी। इसमें देश- विदेश में प्रसिद्ध कलाकार देवू खान, बरकत खान, तलब खान समेत दर्जनभर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। जांगड़ा म्यूजिक थीम पर आयोजित इस प्रस्तुति को देखने के लिए गुलाबी नगरी के बाशिन्दे बेताब रहते हैं। कार्यक्रम में प्रवेष निःशुल्क रहेगा। 
#rajasthantourism 
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